शुक्रवार, 31 मई 2019

कहानी एक फौजी की..

परिश्रम तथा कर्म ही पूजा है:


यह कहानी है एक युवा लड़के की जो कि एक 
गरीब परिवार से ताल्लुक रखता था। घर में आर्थिक
समस्याओं का अंबार लगा था और दो जून की
रोटी तक नसीब नहीं हो पाती थी।किसी तरह जीवनयापन
चल रहा था।परिवार की हालत खराब होने के कारण
यह लड़का शारीरिक रूप से बहुत कमजोर था।भले ही
इसका शरीर कमजोर था लेकिन इसका लक्ष्य बहुत ही बड़ा 
और साफ़ था।यह लड़का भारतीय सेना में अफसर बनना चाहता था।लेकिन उसके शरीर को देखकर हर कोई उसका मजाक बनाकर चल देता था।सब उसको चिढ़ाते थे कि तू क्या अफसर बनेगा? तेरे बस की नहीं है आदि।
वह लड़का इन सभी बातों को सुनने के बावजूद बहुत मेहनती था।उसके पिता जी ने किसी तरह उसको बारहवीं पास कराया।उसको बारहवीं कक्षा में बहुत अच्छे अंक प्राप्त हुए थे।
अब वह अपने शरीर पर पूरा ध्यान देने लगा था। दिन-रात,सुबह-शाम दौड़ता,व्यायाम करता और हर समय बस मेहनत करने में लगा रहता।
एक दिन बहुत धूप थी,वह दौड़ने गया था।कुछ देर बार वह एक जगह पर चक्कर खाकर गिर पड़ा।तभी वहां से कुछ लड़के गुजरे तो उन्होंने उसकी मदद करने की बजाय उसका फिर से मजाक बनाने लगे।
वह कुछ देर ऐसे ही जमीन में लेटा रहा।फिर उठा और वापस अभ्यास करना शुरू कर दिया ।इस बार वह दोगुने जोश के साथ दौड़ा। इसी तरह उसका जीवन चल रहा था।
तभी कुछ समय बाद उनके इलाके में सेना की भर्ती आयी।उस लड़के ने बहुत जोश के साथ उसमें भाग लिया।उसके साथ उसके गांव के कुछ और लड़कों ने भी भर्ती में भाग लिया था लेकिन वो सब लोग बहार हो गए और यह लड़का पास हो गया।सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद वह लड़का ख़ुशी ख़ुशी घर गया और उसने यह खबर अपने माता पिता को बताई वे सब लोग बहुत खुश थे।उसके पिता जी ने एक दुकान से उधारी में मिठाई खरीदी और पूरे गांव में बाँट दी।
यह खबर सुनने के बाद उनके घर में बहुत लोग आने लगे और बधाई देने लगे।
जो लोग उसका मजाक बनाते थे उनको बहुत आश्चर्य हो रहा था कि ये कैसे भर्ती हो गया?
आखिरकार उस गरीब लड़के की मेहनत सफल हुई और वह भारतीय सेना में पहले सिपाही पद पर लग गया।कुछ समय बाद उसका काम में उत्साह और तेज़ी के कारण उसका प्रमोशन हो गया और उसको अफसर पद पर नौकरी प्राप्त हो गई।वह बहुत खुश था।सफलता उसके कदम चूम रही थी।
इस प्रकार उस लड़के ने अपने लक्ष्य को बहुत कठिन मेहनत के बल पर हासिल कर लिया था और वे लोग बहुत अच्छा जीवन जीने लगे।

शिक्षा- कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि परिस्थिति चाहे कैसी भी हो,कठिन परिश्रम करने वाला इंसान हमेशा सफल होता है।


Motivational हिन्दी quotes

  जोश जगाने वाले Quotes-


1. हम तो घर से निकले ही थे,बाँध कर सर पे कफ़न 
जान हथेली पर रखकर जो बढ़ चले हैं ये कदम।
जिंदगी खुद अपनी मेहमान, मौत की महफ़िल में है।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।

2. रख हौंसला वो मंजर भी आएगा।
प्यासे के पास चल कर समंदर भी आएगा।
थक कर न बैठ, ऐ मंजिल के मुसाफिर।
मंजिल भी मिलेगी और मिलने का मजा भी आएगा।

3. मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है।
  केवल पंख फड़फड़ाने से कुछ नहीं होता,
क्योंकि बुलंद हौंसलों से उड़ान होती है।

4. यदि हम मंदिर के दान पात्र में कुछ पैसे डालने के बजाय किसी भूखे आदमी को कुछ पैसे दे दें तो उसके द्वारा हमें दी गयी दुआ बहुत ज्यादा असर करती है।

5. यदि हम अपने माता पिता का आशीर्वाद लेकर कोई काम करते हैं तो उस काम के सफल होने के बहुत ज्यादा मौके बन जाते हैं, बिना माता पिता की इच्छा के लिए गए फैसले बहुत कम मौकों पर सफल होते हैं।

ऊपर लिखे गए सभी quotes को यदि अपनी जिंदगी में अनुसरण किया जाए तो हमारी सफलता निश्चित हो जाती है।

आप सभी से आशा करता हूँ कि आप इन सभी वाक्यों को पढ़कर अपनी जिंदगी में अनुसरित करेंगे।

                                                           हिमांशु पन्त

युवाओं के लिए ख़ास संदेश

चलो बदलाव करें-

अब ठान लिया है कि कुछ करना है।
अब सोच लिया है कि कुछ बनना है।
तन मन लगाकर अब मेहनत करनी है।
जी जान से भविष्य बनाना है।

                   याद आते हैं बीते दिन,
                  लेकिन बचपन को भुलाना है।
                  यादगार बनाएं अपनी जिंदगी।
                 मन में यह ख्याल अब आया है।

अब सुकून मेहनत में ढूंढना है,
आलस्य को करना है कोसों दूर।
पास न फटके यह बुरी बला,
ऐसा ही कुछ करना है।

           सफल हुए हैं जो, उनके पास बैठना है।
           असफल जो हो गए उनसे भी सीखना है।
           जहाँ कमी दिखे मेहनत में,
           वहाँ पोंछा मेहनत का लगाना है।

अब ठान लिया है कि कुछ करना है।
अब सोच लिया है कि कुछ बनना है।

अगर बदलाव लाना चाहते हो तो किसी का इंतज़ार मत कीजिये,आज ही अपनी जिंदगी को बदलिये और इस छोटे से जीवन को यादगार बना दीजिये।

गुरुवार, 30 मई 2019

एक कविता पर्यावरण के नाम..

 हमारा पर्यावरण

 हरी भरी हो धरती हमारी।
  शान हमारे देश की।
  इस प्रकृति की रक्षा करना।
  यह देती हमको खुशहाली।

                 पर मानव अज्ञान के मारे।
                इसका सदा नाश करता है।
               प्रकृति की छेड़ छाड़ से वह।
              भूकंप सुनामी ज्वालामुखी देता है।

 मानव ने काटे पहाड़।
 और रौंद डाले सारे जंगल।
 इतना होने के बाद भी सोचता है वह,
 की घर में कोई बीमार न हो।

                यही हमें दी जाती शिक्षा।
               हमें नहीं काटने पेड़।
             नहीं फैलाना है प्रदूषण।
            अच्छा बनाना है पर्यावरण।
               
                                 लेखक: हिमांशु पन्त

होली मेरे गाँव की

आइये आज मैं ले चलता हूँ आपको एक यात्रा पर... यह यात्रा है मेरे गाँव,मेरी जन्मभूमि *गंगोलीहाट* की ओर। उत्तराखंड राज्य के एक खूबसूरत जिले ...