गुरुवार, 30 मई 2019

एक कविता पर्यावरण के नाम..

 हमारा पर्यावरण

 हरी भरी हो धरती हमारी।
  शान हमारे देश की।
  इस प्रकृति की रक्षा करना।
  यह देती हमको खुशहाली।

                 पर मानव अज्ञान के मारे।
                इसका सदा नाश करता है।
               प्रकृति की छेड़ छाड़ से वह।
              भूकंप सुनामी ज्वालामुखी देता है।

 मानव ने काटे पहाड़।
 और रौंद डाले सारे जंगल।
 इतना होने के बाद भी सोचता है वह,
 की घर में कोई बीमार न हो।

                यही हमें दी जाती शिक्षा।
               हमें नहीं काटने पेड़।
             नहीं फैलाना है प्रदूषण।
            अच्छा बनाना है पर्यावरण।
               
                                 लेखक: हिमांशु पन्त

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